VR क्या होता है? वर्चुअल रियालिटी के बारे में जानकारी।

वर्चुअल रियालिटी (VR) एक पूरी तरह से मनगढ़ंत जगह, यानी एक आर्टिफ़िशियल एनवायरमेंट से होकर गुज़रने की सुविधा देती है। इस एनवायरमेंट का वजूद इमेजेज़ में होता है, लेकिन असल ज़िंदगी में नहीं।

क्रेडिट: जवानी नैकपिल के द्वारा आर्टवर्क।

अभी ज़्यादा वक्त नहीं हुआ जब VR को लोग महज़ साई-फ़ाई फ़िल्मों, जैसे कि द मैट्रिक्स या रेडी प्लेयर वन में इस्तेमाल किए जाने वाले प्लॉट डिवाइस के रूप में जानते थे। मगर अब असल दुनिया में इसका इस्तेमाल बढ़ रहा है। अब इसे गेमिंग और एंटरटेनमेंट से लेकर मेडिसिन और मिलिट्री तक में इस्तेमाल किया जा रहा है।

वर्चुअल रिएलिटी वाला माहौल बनाने और उसे अनुभव करने का जुनून काफ़ी पहले से है, कियानो रीव्स की फ़िल्म रिलीज़ होने के भी पहले से। ऐसा कहा जाता है कि VR का कॉन्सेप्ट, फ़ोटोग्राफ़ी जितना पुराना है। हालाँकि, इसे “वर्चुअल रिएलिटी” नाम हाल ही में दिया गया। कैमरे की खोज होने के तुरंत बाद, स्टीरियोस्कोप की मदद से दो फ़ोटो का इस्तेमाल करके 3D भ्रम पैदा करने की कोशिश की गई थी। VR टेक्नोलॉजी के इतिहास में दूसरी बड़ी उपलब्धि, सेंसोराना की खोज थी। इसे 1962 में मॉर्टन हेलिग ने बनाया था। इसमें खास पलों में रिलीज़ हुए, आर्टिफ़िशियल विंड और ओडर के साथ रैपअराउंड प्रोजेक्शन को मिलाया गया, ताकि VR का अनुभव भरोसेमंद लगे। इसमें सबसे पहले, न्यूयॉर्क के ब्रुकलिन में बाइक चलाने का सेट अप इस्तेमाल किया गया।

आजकल वर्चुअल रिएलिटी के सेट अप काफ़ी बेहतर हो गए हैं। इंजीनियर और प्रोग्रामर, असल ज़िंदगी के जैसा सेट अप VR के ज़रिए तैयार कर रहे हैं। इसमें व्यक्ति की हर हलचल पर मूवमेंट होती है। इसमें वे अपने कमरे से बाहर निकले बिना ही, असल दुनिया से दूर कल्पनाओं से भरी दुनिया में घूम रहे होते हैं। VR अब अनूठी चीज़ नहीं रह गई है। अब यह सभी तरह के प्रोफ़ेशनल कामों में इस्तेमाल होने वाला शानदार टूल बन चुका है।

3D rendering of robot using a VR device
क्रेडिट: जवानी नैकपिल के द्वारा आर्टवर्क।

वर्चुअल रियालिटी (VR) क्या होती है?

VR अनुभव में एक खास रोल वाले उपकरण की मदद से कंप्यूटर द्वारा बनाए गए सिम्युलेशन में दाखिल होना शामिल है। एक VR हेडसेट, उस दुनिया के बारे में विज़ुअल और सुनने लायक जानकारी भेजता है जिसका अनुभव व्यक्ति कर रहा होता है। वहीं, इसके कई सेंसर और टेक्नोलॉजी, व्यक्ति की मूवमेंट को वर्चुअल दुनिया में दिखाती हैं।

वर्चुअल रिएलिटी में दिख रहे विज़ुअल, असल जगहों के फ़ोटोग्राफ़ या फ़िल्मों से बनाए जा सकते हैं। इसके अलावा, इन्हें कंप्यूटर से भी बनाया जा सकता है — जिसे CGI VR कहते हैं। इन दो विकल्पों के बीच, VR में लोग वह सब कुछ देख सकते हैं जिसकी कल्पना की जा सकती है। इसमें किसी विदेशी शहर की स्ट्रीट से लेकर दूर किसी काल्पनिक ग्रह तक, सभी शामिल हैं।

वर्चुअल रियालिटी बनाम ऑगमेंटेड रियालिटी।

एक बात याद रखना ज़रूरी है कि वर्चुअल रियालिटी ऑगमेंटेड रियालिटी नहीं होती। इसी तरह के नामों के बावजूद, AR पार्टिसिपेंट्स को पूरी तरह से डिजिटल रियालिटी एक्सप्लोर करने का मौका नहीं देता; बल्कि, यह उनके सामने असल दुनिया में ही एक्सट्रा कॉन्टेंट की लेयर बना देता है।

AR ऐप्लिकेशन का इस्तेमाल करके, फ़ोन के कैमरे को आस-पास मौजूद किसी भी विज़ुअल के सामने रखा जा सकता है। इससे आपको उस विज़ुअल के साथ और भी चीज़ें देखने को मिलेंगी। उदाहरण के लिए, कुछ AR ऐप्लिकेशन आपके आस-पास मौजूद किसी चीज़ के बारे में ज़्यादा जानकारी देते हैं। जैसे, किसी पौधे या प्रॉडक्ट के बारे में। इसके लिए, आपको उसके सामने अपना फ़ोन रखना होता है। AR में ऐसे ऐप्लिकेशन भी होते हैं जिनकी मदद से, फ़ोन से देखे जा रहे सीन में आपको किसी कार्टून कैरेक्टर जैसा कोई विज़ुअल दिख सकता है। यह बिल्कुल लोकप्रिय Pokémon GO गेम जैसा है।

वर्चुअल रियालिटी बनाम मिक्स्ड रियालिटी।

मिक्स्ड रियालिटी में VR और AR, दोनों की खूबियाँ शामिल होती हैं। रिसर्चर्स पॉल मिलग्राम और फ़ुमियो किशिनो ने 1994 में इस टर्म को पूरी तरह से असली और पूरी तरह से वर्चुअल एनवायरमेंट के बीच कन्टिन्युयम के बारे में बताने के लिए गढ़ा था। आजकल मिक्स्ड रिएलिटी से उस सेट अप के बारे में पता चलता है जिसमें असल दुनिया और वर्चुअल दुनिया के सब्जेक्ट और ऑब्जेक्ट, रीयल टाइम में इंटरैक्ट करते हैं। साथ ही, इसमें उपयोगकर्ता रीयल और वर्चुअल, दोनों एलिमेंट से इंटरैक्ट कर सकता है।

VR डिवाइस का सबसे अहम हिस्सा, हेडसेट है। इसे हेड-माउंटेड डिसप्ले (HMD) भी कहा जाता है। यह बड़े चश्मों का एक सेट होता है, जो कि चारों तरफ़ से आँखों को ढँक लेता है। इससे व्यक्ति को उस आर्टिफ़िशियल दुनिया का विज़ुअल और ऑडियो मिलता है जिसमें वह उस वक्त होता है।

VR के कुछ बेहतरीन उदाहरणों में Facebook का Oculus Quest 2 शामिल है। यह ज़्यादा किफ़ायती हेडसेट्स में शामिल है और इसे गेमर्स काफ़ी पसंद करते हैं। बाज़ार में उपलब्ध अन्य ऑपशन्स में HP Reverb G2, HTC VIVE Cosmos, Sony Playstation VR, या Valve Index शामिल हैं।

vr_equipment

VR के लोकप्रिय ऐप्लिकेशन्स।

एंटरटेनमेंट

VR के बारे में सोचने पर सबसे पहले, गेम का खयाल आ सकता है। खास तौर पर, Sony PlayStation या Oculus के नाम दिमाग में आते हैं। ये VR गेम लगभग हर किस्म के जॉनर का अनुभव देते हैं। इनमें सुपरहिट फ़िल्मों, मध्यकालीन यूरोप या 19वीं शताब्दी की शुरुआत वाले शिकागो शहर में पाबंदी वाले दौर जैसी ऐतिहासिक घटनाओं, आर्केड गेम वगैरह से प्रेरणा ली जाती है।

VR का इस्तेमाल सिनेमा से जुड़ी चीज़ों में भी होता है। COVID-19 की महामारी के दौरान, कई थिएटर डायरेक्टर ने VR की सुविधाओं का इस्तेमाल किया। इससे वे लोग, थिएटर बंद होने के बावजूद अपना ड्रामा कॉन्टेंट बना पाए। इस फ़ॉर्मैट की कई ऐसी अनोखी चीज़ों का भी उन्हें फ़ायदा मिला जिनमें लोगों को कहानी में एक किरदार निभाने या कहानी के कई अंत में से कोई भी चुनने का मौका मिलता है।

फ़ाइन आर्ट और डिज़ाइन

साल 2020 में, Deutsche Kreditbank ने Contemporary Arts Alliance Berlin के साथ मिलकर, वर्चुअल रिएलिटी आर्ट के लिए पुरस्कार देने की घोषणा की। VR से मरीना अबरामविच, लॉरी एंडरसन और अनीश कपूर जैसे कलाकारों कों, 2020 से पहले ऑडियंस के साथ जुड़ने का नया दिलचस्प तरीका मिला। MASS MoCA के क्यूरेटर डिनीस मार्कोनिश के लिए, यह एक दिलचस्प बदलाव है जिसमें सिर्फ़ जानकारी देने के लिए म्यूज़ियम में रखे जाने वाले VR टूल को अब कलाकारों ने इस्तेमाल करना शुरू किया है। मार्कोनिश ने Robb Report को बताया, "हमने आर्टिस्ट की इमेजिनेशन से पैदा होने वाले ओरिजिनल और अक्सर सरीयल एनवायरमेंट्स बनाने के लिए मीडियम को ही अपने आप में मीन्स के तौर पर देखना शुरू किया है।"

3D में डिजिटल कॉन्टेंट बनाते समय ज़्यादा इमर्सिव एक्सपीरियंस के लिए VR को डिज़ाइन वर्कफ़्लोज़ में भी इस्तेमाल किए जाने की शुरुआत हो रही है। VR वाले स्कल्पटिंग सॉफ़्टवेयर की मदद से, उपयोगकर्ता ऐसे मोशन का इस्तेमाल करके 3D Assets के मॉडल बना सकते हैं जिनसे डेस्कटॉप ऐप्लिकेशन पर पहले के मुकाबले, ज़्यादा बेहतर तरीके से रीयल-टाइम स्कल्पटिंग होती है। Adobe Substance 3D Modeler, VR के ज़रिए मॉडल बनाने वाले ऐप्लिकेशन का एक उदाहरण है। इसमें हर कलाकार की प्राथमिकताओं के मुताबिक, डेस्कटॉप पर मॉडल बनाने की सुविधा भी मिलती है।

vr_fine_art_Gio_Napkil
क्रेडिट: जवानी नैकपिल के द्वारा आर्टवर्क।
इंडस्ट्रियल डिज़ाइनर रोज़मर्रा के प्रॉडक्ट को डिज़ाइन करने के लिए रीसोर्स और क्रिएटिविटी का भरपूर इस्तेमाल करते हैं जिनके बारे में उन्हें लगता है कि वे काफ़ी ज़्यादा इस्तेमाल किए जाएँगे — लेकिन ऐसा करने के लिए, उन्हें बढ़िया आपसी तालमेल रखना होता है। आम तौर पर स्ट्रैटजिस्ट, इंजीनियर, यूज़र इंटरफ़ेस (UI) डिज़ाइनर, यूज़र एक्सपीरियंस (UX) डिज़ाइनर, प्रोजेक्ट मैनेजर, ब्रैंडिंग एक्सपर्ट, ग्राफ़िक डिज़ाइनर, और मैन्युफ़ैक्चरर से मिलकर बनी बड़ी टीमें इस प्रोफ़ेशन में काम करती हैं। विभिन्न लेयर पर अनुशासन बरतने के कारण इंडस्ट्रियल डिज़ाइनर किसी समस्या को पूरी तरह से समझते हैं और एक यूज़र की विशेष ज़रूरत के मुताबिक बढ़िया हल पेश करते हैं। कुछ बेहद मशहूर इंडस्ट्रियल डिज़ाइन एजेंसियों में ये शामिल हैं, IDEO, Frog और Teague.

आर्किटेक्चर

VR की मदद से, किसी ढाँचे के बनने से पहले उसमें जाने और उसका अनुभव लेने का मौका मिल पाता है। इससे आर्किटेक्चर इंडस्ट्री में बहुत बड़ा बदलाव आया है। जहाँ आर्किटेक्ट्स बिल्डिंग के बारे में अपना विशन ज़ाहिर करने के लिए फ़्लोर प्लान्स, स्केल मॉडल्स, और रेंडरिंग्स की मदद लेते थे, वहीं VR की मदद से वे अपने क्लाइंट्स को कन्सेप्चुअल स्पेस के ज़रिए चला सकते हैं। VR एक्सपीरियंसेज़ किसी इमारत से होकर गुज़रने का मौका देते हैं, और यहाँ तक कि फ़र्नीचर की जगह बदलने और लाइट्स को चालू और बंद करने का मौका देते हैं। क्लाइंट्स को पहले कोई 3D मॉडल देखने के लिए काफ़ी दूर से आना पड़ता था। अब इसे देखने के लिए, उन्हें बस एक हेडसेट और वर्चुअल बिल्डिंग की "डिजिटल चाबी" चाहिए — यानी कि उन्हें ऐप्लिकेशन और प्रॉजेक्ट का ऐक्सेस पाना होगा — इसके बाद, वे वर्चुअल तरीके से साइट देख सकते हैं।

VR का इस्तेमाल इन तकनीकी कामों में भी किया जा सकता है:

चिकित्सा

आने वाले समय में VR का इस्तेमाल करने वाले सबसे दिलचस्प क्षेत्रों में से एक चिकित्सा क्षेत्र है। VR टेक्नोलॉजी से चिकित्सा के कई क्षेत्रों में फ़ायदा हो सकता है। जैसे, इंसानी शरीर की बनावट या बड़ी समस्या आने पर उसका सामना करने वाले पहले कुछ लोगों को ट्रेनिंग देना। ऐसी चीज़ें जिन्हें असल में सेट अप करने में काफ़ी खर्चा होगा या मुश्किल होगी, उन्हें VR के ज़रिए आसानी से वर्चुअल तौर पर दिखाया जा सकता है। इसी तरह, VR के ज़रिए प्रोग्राम करके डॉक्टर को, मरीज़ की भावनाओं को बेहतर तरीके से समझने का मौका मिल सकता है। उदाहरण के लिए, इसकी मदद से, वे बूढ़े या शारीरिक रूप से कमज़ोर मरीज़ों को आने वाली समस्याओं का अनुभव कर पाते हैं। वर्चुअल रिएलिटी के ज़रिए कैरिबियन बीच पर जाने से, सर्जरी से पहले मरीज़ों की घबराहट कम करने में मदद मिली है।

एविएशन

जैसे वर्चुअल सर्जरी से डॉक्टर असल सर्जरी की तैयारी कर सकते हैं, वैसे ही फ़्लाइट सिम्युलेटर इस VR टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल, पायलेट को असल में जेट उड़ाने से पहले प्रैक्टिस देने के लिए करते हैं। फ़्लाइट सिम्युलेटर लोकप्रिय VR गेम हैं। वहीं ज़्यादा बेहतर सिम्युलेटर, ट्रेनिंग के लिए ज़रूरी टूल के तौर पर इस्तेमाल होते हैं। कई स्टडी के मुताबिक, किताबों में पढ़ने से ज़्यादा, जहाज उड़ाकर मंज़िल तक पहुँचाने का पूरा तरीका तब ज़्यादा याद रहता है, जब उसकी असल में प्रैक्टिस की गई हो।

सेना

सेना में दी जाने वाली असल ट्रेंनिंग, सैनिकों को तैयार करने के लिए हमेशा अहम रहेगी। हालाँकि, जंग में दुश्मन के तौर पर लड़ने और जंग के ऐसे असल सेट अप बनाने में काफ़ी समय और खर्चा लगता है। VR की मदद से, सैनिक वर्चुअल तरीके से किसी अनजान जगह में जा सकते हैं और कई खतरों का सामना कर सकते हैं। साथ ही, वे यह प्रैक्टिस कर सकते हैं कि हमलों के दौरान आम नागरिकों या दुश्मनों के साथ कैसे व्यवहार करना है।

https://main--cc--adobecom.hlx.page/cc-shared/fragments/products/substance3d/bottom-blade-cta-s3d-collection