आँखों के सामने स्क्रीन लगाने से आपके लिए अपने हाथों को फ़्री रखते हुए रियालिटी को ऑगमेंट करना मुमकिन हो जाता है। Google ने Glass की रिलीज़ के साथ 2013 में ऐसा किया था, लेकिन यह उन मायनों में असली AR नहीं था जैसा हम आज की तारीख में सोचते हैं। Glass ने एक आँख के सामने ही एक समतल डिसप्ले पर डिजिटल जानकारी दिखाई जबकि 3D इमेजरी ने एनवायरन्मेट के एक हिस्से के तौर पर दोनों आँखों के सामने डिवाइस सामने रखा। Google अभी भी मैन्युफैक्चरिंग, हेल्थ केयर और अन्य इंडस्ट्री में इस्तेमाल के लिए Glass को उद्यमों के लिए संस्करण के तौर पर बेचता है। उनके वर्कफ़्लो में रुकावट डाले बगैर Glass पहनने वाले मैन्युअल, ट्रेनिंग वीडियो, डिज़ाइन संबंधी विशेषताएँ और खास तौर से बनाए गए ऐप ऐक्सेस कर सकते हैं।
Microsoft Hololens और Magic Leap One गेमिंग और एंटरटेनमेंट के लिए सबसे मशहूर AR हेडसेट्स हैं। ये हेडसेट वास्तविक दुनिया के एन्वायरन्मेंट को डिजिटल कॉन्टेंट के साथ ब्लेंड करने में दिनोंदिन बेहतर होते जा रहे हैं। “जब आप Magic Leap पहनते हैं, यह कमरे को स्कैन करता है — लगभग रीयल टाइम में — और कमरे का एक रफ़ मॉडल बनाता है,” यह कहना है सेथ शॉफ़ का जो AR/VR की मशहूर प्रोडक्शन कंपनी Astronaut में इमर्सिव प्रोडक्शन के हेड हैं। “तो जब आप अपने एन्वायरन्मेंट में ऑब्जेक्ट रखना शुरू करते हैं, तो उस अनुभव को वास्तविक दुनिया के साथ मैप करना आसान हो जाता है।” ये हेडसेट एन्वायरन्मेंट के साथ जितना ज़्यादा इंटीग्रेट कर पाते हैं, जिसमें सोनिक एन्वायरन्मेंट भी शामिल है(ताकि आप किसी एक खास पॉइंट से आने वाली आवाज़ को सुन पाते हैं), आपका अनुभव उतना ज़्यादा वास्तविक होता है।
कुछ डेवलपर ऐसी दुनिया की कल्पना करते हैं जिसमें हम सब हर वक्त स्मार्ट ग्लास या कॉन्टेक्ट लेंस पहनकर रहें लेकिन अभी हम वहाँ तक नहीं पहुँचे हैं। मौजूदा AR ग्लास थोड़े भारी होते हैं और उनकी बैटरी लाइफ़ भी सीमित होती है। एक समस्या यह भी है कि ग्लास पहनने वाले के देखने का एरिया बहुत सँकरा हो जाता है। यह स्थिति के प्रति उनकी जागरूकता को इस तरीके से सीमित कर देता है जो कि खतरनाक भी हो सकती है।
साथ ही, आपके वास्तविक दुनिया के विज़न पर 3D मॉडल ओवरले करने का तर्क समझना भी थकाऊ हो सकता है। फ़ाइटर पायलट को छह महीने की लगभग लगातार ट्रेनिंग के बाद ही पता चलता है कि अपने सिर पर लगे डिसप्ले को ओवरले की वजह से होने वाले भटकाव से बचते हुए कैसे इस्तेमाल किया जाए। Google के एडवांस टेक्नोलॉजी और प्रोजेक्ट के प्रोजेक्ट लीड एलेक्स कॉफ़मैन का कहना है, “टारगेटिंग रेटिकल के अलावा, वे AR का इस्तेमाल ज़्यादातर रात में लैंडस्केप देखने के लिए ही करते हैं”। “जब अन्य चीज़ों को देखना हो, तो ओवरले आपका ध्यान उन चीज़ों से भटका सकते हैं जिन पर आपका ध्यान होना चाहिए, जैसे कि अन्य हवाई जहाज़ या आपकी तरफ़ आती कोई मिसाइल।”
यह सवाल भी उठता है कि लोग अपनी रोज़ की ज़िंदगी में AR ग्लास पहनना चाहते हैं या नहीं। कॉफ़मैन आगे कहते हैं, “मैं ऐसी दुनिया में नहीं रहना चाहूँगा जहाँ मेरी यथार्थ दुनिया में दखलंदाज़ी की जा रही हो”। सैन फ़्रैंसिस्को की कुछ बार (bar) के मालिक भी नहीं चाहते कि उनके संरक्षक ऐसी किसी दुनिया में रहें और उन्होंने उनके वीडियो कैमरे द्वारा रिकॉर्डिंग रोकने के लिए ग्लास पहनने वालों ("ग्लासहोल") पर प्रतिबंध लगा दिया।