वर्चुअल फ़ोटोग्राफ़ी: लाजवाब फ़ोटोज़, किसी स्टूडियो की ज़रूरत नहीं।
आम तौर पर अभी तक इस्तेमाल होते आ रहे फ़ोटोशूट्स में 3D टेक्नोलॉजी, वर्चुअल फ़ोटोग्राफ़ी की मदद से क्या-क्या बदलाव ला रही है।
आम तौर पर अभी तक इस्तेमाल होते आ रहे फ़ोटोशूट्स में 3D टेक्नोलॉजी, वर्चुअल फ़ोटोग्राफ़ी की मदद से क्या-क्या बदलाव ला रही है।
वर्चुअल फ़ोटोग्राफ़ी एक ऐसी इमेजरी है जिसे पारंपरिक फ़ोटोग्राफ़ी के जैसा ही बनाया गया है और यह असल दुनिया की इमेज को ऐसे ही पेश करती है जैसे किसी कैमरे के लेंस के ज़रिए शूट किया गया हो। लेकिन इसमें कोई कैमरा और कोई लेंस शामिल नहीं है। इसे 3D मॉडल्स व मटीरियल्स और 2D ग्राफ़िक्स व इमेजेज़ के कॉम्बिनेशन का इस्तेमाल करके एक कंप्यूटर पर तैयार किया गया है, साथ ही हर चीज़ को एक साथ ब्लेंड करने के लिए स्मार्ट तरीके से लाइटिंग भी दी गई है। अगर यह काम ठीक से किया जाए, तो एक वर्चुअल फ़ोटोग्राफ़ एकदम वास्तविक वस्तु जैसा दिखाई दे सकता है।
3D टेक्नोलॉजी की शुरुआत गेमिंग और विज़ुअल इफ़ेक्ट्स की दुनिया से हुई है। इस बिलकुल नई किस्म की टेक्नोलॉजी की मदद से विज़ुअल एसेट्स क्रिएट करने का काम एक नए मुकाम पर पहुँच चुका है। ज़्यादा से ज़्यादा कंपनियाँ महँगे स्टूडियो शूट पर बचत करने के लिए अपने मार्केटिंग और प्रोडक्शन ओवरफ़्लो में 3D टेक्नोलॉजी पर आधारित एसेट शामिल कर रही हैं और मार्केटप्लेस के लिए पहले से ज़्यादा तेज़ी से एसेट बनाकर बाँट रही हैं।
डिज़ाइन कॉन्सेप्ट्स को इटिरेट करते समय 3D टेक्नोलॉजी से मिलने वाले लचीलेपन का फ़ायदा उठाने के लिए Wayfair और Unilever जैसे ब्रैंड्स पहले से ही इसका इस्तेमाल कर रहे हैं। यह टेक्नोलॉजी रफ़्तार में भी अच्छी-खासी बढ़ोतरी कर सकती है, काम को बेहद कारगर व असरदार बना सकती है, अलग-अलग डिज़ाइन्स व मार्केटिंग की पहलों में प्रॉडक्ट व ब्रैंड की इमेज को एक जैसा बनाए रखने में मदद कर सकती है जोकि छोटे-बड़े हर तरह के ब्रैंड्स के लिए बेहद ज़रूरी होता है।
3D टेक्नोलॉजी में विशेषज्ञता का इस्तेमाल करते हुए, पारंपरिक फ़ोटोग्राफ़ी की तुलना में वर्चुअल फ़ोटोग्राफ़ी बाज़ार की ज़रूरतों को तेज़ी से पूरा कर सकती है और यह ज़्यादा आज़ादी और लचीलेपन के साथ काम करने की सुविधा देती है। डिज़िटल क्षेत्र में अकेले काम करते हुए भी आप बेहद मुश्किल लेकिन बेहतरीन प्रोडक्ट शॉट बना सकते हैं, वह भी बहुत सारे संसाधनों का इस्तेमाल करके बनाए गए फ़िज़िकल मॉकअप के बगैर।
Adobe 3D और AR इकोसिस्टम के ऐप ने वास्तविक ज़िंदगी से जुड़े दृश्य दिखाना पहले से कहीं ज़्यादा आसान बना दिया है जिन्हें सभी मार्केटिंग चैनल के लिए प्रोडक्शन क्वालिटी एसेट उपलब्ध करवाते हुए हर ऐंगल से देखा और रेंडर किया जा सकता है। Substance 3D Stager की सुविधाएँ असल में एक वर्चुअल फ़ोटो स्टूडियो वाली सुविधाएँ ही होती हैं जिनसे सीन को बिलकुल शुरुआत से तैयार किया जा सकता है। Substance 3D Painter, Sampler और Designer मटीरियल्स बनाने के काम को एक नए मुकाम पर ले जाते हैं और इनकी मदद से सही मायने वाला फ़ोटोरियलिज़्म हासिल किया जा सकता है। इन टूल का इस्तेमाल करके लगातार प्रैक्टिस से आप ऐसी इमेज बना सकते हैं जिन्हें देखकर यूज़र को पता भी नहीं चलेगा कि ये डिजिटल तरीके से बनाई गई हैं। रीयल-वर्ल्ड वर्कफ़्लो बेंचमार्क दिखाते हैं कि इमेज के लिए पारंपरिक तरीकों की तुलना में Substance 3D Stager का इस्तेमाल ज़्यादा तेज़ी से किया जा सकता है और यह बेहतरीन परिणाम दे सकता है।
वर्चुअल फ़ोटोग्राफ़ी ढेरों वेरिएशन बनाने के लिए, शॉट में बैकग्राउंड और ऑब्जेक्ट के बदलाव को आसान बनाकर आपकी एसेट की ज़रूरतों को पूरा करने में आपकी मदद कर सकती है। किसी किचन के काउंटरटॉप के सामने प्रॉडक्ट शॉट बनाएँ और फिर इसमें कॉफ़ी टेबल या नाइटस्टैंड के लिए बदलाव करें ताकि आप हर तरह की लाइफ़स्टाइल इमेजरी कवर कर सकें। या फिर प्रॉडक्ट शॉट की पैकेजिंग लैंग्वेज में अदला-बदली जैसा कुछ आसान काम करें ताकि आप अलग-अलग चैनल की मार्केटिंग टीम से टेंप्लेट और सीन शेयर कर सकते हैं और दोनों तरफ़ के डिज़ाइनर को ज़रूरत के मुताबिक फ़ोटो अपडेट करने की सुविधा देकर चीज़ों को बेहतर बनाए रखने के लिए इसे पहले से ज़्यादा आसान बना देते हैं। इसमें एक नया ऐंगल, नया क्रॉप, या फिर एक नया रंग शामिल हो सकता है और शुरू से शुरुआत करने की ज़रूरत भी नहीं होती — रचनात्मक संभावनाएँ अनंत हैं।
वेब मार्केटप्लेस पर आइटम के 360-डिग्री व्यू दिखाने से ग्राहकों को 2D फ़ोटो की तुलना में प्रॉडक्ट के बारे में बेहतर जानकारी मिलती है। इससे उन्हें प्रॉडक्ट को अलग-अलग ऐंगल से देखने की सुविधा मिलती है, वे इसे घुमा सकते हैं, रीयल टाइम में इसे छोटा और बड़ा करके देख सकते हैं और माउस के बस एक क्लिक से स्टाइल, आकार और रंग में बदलाव कर सकते हैं। कंपनी इंटरैक्टिव AR अनुभवों के लिए उन्हीं मॉडल का फ़ायदा उठा सकते हैं जिनसे कस्टमर को यह देख पाने की सुविधा मिलती है कि वास्तविक दुनिया में प्रॉडक्ट उनकी जगह में कैसे फ़िट होगा। IKEA जैसी फ़र्नीचर कंपनियाँ ऐसे AR ऐप ऑफ़र करती हैं जो ठीक यही काम करते हैं, सोफ़े और कुर्सियों को खरीदने का फ़ैसला करने से पहले IKEA Place के ज़रिये आपको अपने लिविंग रूम में इन्हें "प्लेस" करने की सुविधा मिलती है ताकि आप देख सकें कि वे ठीक लग रहे हैं या नहीं (स्टाइल और साइज़, दोनों लिहाज़ से)। यह बस एक तरीका है जिसके ज़रिये AR क्रिएशन कंपनियों के लिए अपना सामान दिखाना पहले की तुलना में कहीं ज़्यादा आसान बना सकते हैं — और ग्राहकों के लिए यह फ़ैसला लेना आसान कर देते हैं कि वह सामान उनके लिए ठीक है या नहीं।
अपनी ज़रूरत के किसी भी 2D कॉम्पोनेंट को बनाने के लिए आपकी ज़रूरतों को बेहतर तरीके से पूरा करने वाला ऐप इस्तेमाल करें। Adobe 3D ऑब्जेक्ट्स पर रखे जाने के मकसद से ग्राफ़िक्स और लोगोज़ बनाने के लिए Illustrator शानदार होता है, जबकि ब्रैंड इमेजेज़ बनाने या मौजूदा फ़ोटोज़ को एडिट करने के लिए Photoshop का इस्तेमाल किया जा सकता है।
असल जैसे दिखने वाले मटीरियल की एक बड़ी रेंज जोड़कर अपने सीन के सभी ऑब्जेक्ट का लुक बेहतर बनाएँ। शानदार लाइब्रेरी से मटीरियल ऐक्सेस करें और 3D की ज़्यादा प्रैक्टिस से, Designer और Sampler का इस्तेमाल करके अपने टेक्स्चर अपने हिसाब से बनाएँ।
अपने सीन में अपनी ज़रूरत के ऑब्जेक्ट के 3D मॉडल रखें। Substance 3D Collection प्लान में मॉडल, मटीरियल और लाइट की लाइब्रेरी भी शामिल है। आप ज़्यादा विकल्पों के लिए Adobe Stock ब्राउज़ कर सकते हैं या अन्य सोर्स से मॉडल इंपोर्ट कर सकते हैं।
3D मॉडल पर ग्राफ़िक्स, लोगो और अन्य 2D इमेज (संभवत: Photoshop या Illustrator से) लगाएँ, चाहे डीकैल के तौर पर या फ़िलर के तौर पर। उसके बाद मनचाहा लुक पाने के लिए लेयर की मटीरियल प्रॉपर्टी को एडजस्ट करें।
सीन में ऑब्जेक्ट को अपने मनमुताबिक लगाएँ। कैमरे के अलग-अलग ऐंगल से प्रयोग करें, रोशनी और मटीरियल को एडजस्ट करके देखें कि कौन-सी सेटिंग बेहतर लगती है और अपने सीन में बैकग्राउंड जोड़ें। बैकग्राउंड इमेज के आधार पर अपने आप रियलिस्टिक लाइटिंग बनाए जाने की सुविधा चालू करने के लिए मैच इमेज का इस्तेमाल करें, या एनवायरमेंट लाइट और सनलाइट सेटिंग्स को खुद एडजस्ट करें। आप फ़िज़िकल कैमरे के फ़ीचर भी इस्तेमाल कर सकते हैं, जैसे कि फ़ील्ड की गहराई और फ़ोकल लेंथ।
इमेज को मार्केटिंग ज़रूरतों जैसे कि वेबसाइट, विज्ञापन या वर्चुअल प्रॉडक्ट शोरूम के लिए फ़ाइनल फ़ाइल के तौर पर इस्तेमाल करने के लिए एक्सपोर्ट करें और प्रिंट व डिजिटल मीडिया के लिए लेआउट बनाने हेतु उन्हें Adobe InDesign में इंपोर्ट करें।
पारंपरिक 2D इमेज या 3D डिज़ाइन को वेब लिंक के ज़रिये या वेब पर एंबेड करने के ज़रिये 360 डिग्री व्यू के साथ (बुकमार्क किए गए कैमरा ऐंगल के साथ) शेयर और पब्लिश करें। आप Adobe Aero में बनाए गए ऑगमेंटेड रिएलिटी अनुभव के एसेट भी इस्तेमाल कर सकते हैं ताकि आप ऐसा वास्तविक अनुभव दे सकें जो कि असली दुनिया में प्रॉडक्ट को ओवरले करके दिखा सके। मुफ़्त Aero ऐप दर्शकों को एंगेज करने वाला अनुभव देता है जिसकी मदद से वे आपके डिज़ाइन से बहुत ही अलग तरीके से इंटरैक्ट करते हैं।
फ़ाइनल इमेज को Photoshop में इंपोर्ट करने से, आप बहुत छोटे-छोटे बदलाव भी कर सकते हैं और अपनी इमेज को आगे फ़ोटोरियलिज़्म से जोड़ने के लिए उसमें पिक्सेल के स्तर तक सुधार कर सकते हैं।